
उत्तर प्रदेश में चल रहे विधान सभा चुनाव के बीच कई अनोखी कहानियां सामने आ रही है|ऐसी ही एक कहानी समाजवादी पार्टी (SP) के उम्मीदवार रविदास मेहरोत्रा की है, जो अपने 40 साल के लंबे करियर में 251 से अधिक बार जेल जा कर एक तरह का रिकॉर्ड बनाने के लिए जाने जाते हैं|रविदास मेहरोत्रा को समाजवादी पार्टी लखनऊ सेंट्रल विधान सभा सीट से उम्मीदवार बनाया है और वह मौजूदा चुनाव लड़ने वाले ‘सबसे पुराने’ छात्र नेताओं में से एक हैं|वह कोई अपराधी नहीं है, लेकिन इसके बावजूद 251 बार जेल जा चुके हैं|अपने जेल रिकॉर्ड के बारे में, रविदास मेहरोत्रा कहते हैं,जब मैं राजनीति में शामिल हुआ और उसके बाद मेरे खिलाफ सभी मामले मेरे विश्वविद्यालय के दिनों में मेरे द्वारा किए गए प्रदर्शनों और विरोध प्रदर्शनों से संबंधित हैं|यह इस तथ्य को दर्शाता है कि मैं हमेशा एक लड़ाकू रहा हूं|मेरे खिलाफ एक भी आपराधिक’ मामला नहीं है|रविदास मेहरोत्रा कहते हैं, ‘सपा सरकार दलितों और न्याय से वंचित लोगों के लिए एक सरकार होगी, चाहे वह मुस्लिम, दलित, ईसाई और विशेष रूप से ब्राह्मण हों, जिन्हें भाजपा सरकार के तहत सताया गया है|हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम सभी के लिए ‘विकास’ लाएंगे, भले ही हम किसी भी जाति, समुदाय या धर्म से हों| हम इस दावे के साथ खड़े हैं कि रोटी, कपड़ा सस्ता हो, दवा और पढ़ाई मुफ्त हो|उनका दावा है कि कोविड ऑक्सीजन संकट ने लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है और इसीलिए यहां के मौजूदा विधायक, एक मंत्री, इस बार पड़ोसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं|मेहरोत्रा को लगता है कि अगर सपा सत्ता में आती है तो पेंशन योजना की बहाली का वादा उनका सबसे बड़ा फायदा है, क्योंकि उनके निर्वाचन क्षेत्र में मुख्य रूप से वेतनभोगी वर्ग शामिल है|जब वह सत्ता में आने पर अपनी पार्टी द्वारा वादा की गई योजनाओं के बारे में अपने मतदाताओं को सूचित करते हैं, तो वे कहते हैं, ‘भाजपा ने राज्य के विकास के लिए कुछ नहीं किया है|कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है और महिलाएं और बच्चे सुरक्षित नहीं हैं|वे कहते हैं, ‘हम लोगों से एक फॉर्म भरने को भी कह रहे हैं, जहां वे हमें बता सकें कि उन्हें कौन सी योजनाएं चाहिए|