ब्यूरो। उत्तराखंड की सियासत में भी काफी हलचल नजर आ रही है। बता दें कि यहां बीजेपी ने बागी नेताओं को अब पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में बीजेपी ने रविवार को राज्य सरकार में मंत्री हरक सिंह रावत को विरोधी तेवर अपनाने के चलते पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। वहीं पार्टी के निकाले जाने के बाद हरक सिंह रावत का पहला बयान आया है।
बता दें कि हरक सिंह रावत ने पार्टी से निष्कासित किए जाने पर कहा है कि, “ मैं अमित शाह से मिलना चाहता था। वह कह रहे हैं कि दो टिकट मांग रहे हैं पहले क्या इस तरह से टिकट नहीं दिए गए हैं क्या? मुझे मंत्री पद का कोई लालच नहीं है। हम पिछले पांच साल में नौजवानों को रोजगार नहीं दे पाए क्या उत्तराखंड नेताओं को रोजगार देने के लिए बनाया गया है। बीजेपी किस तरह के लोगों को प्रदेश चलाने के लिए देना चाहती है।”
रावत ने आगे कहा कि,आज मेरे माध्यम से उत्तराखंड का भला होने जा रहे है। लेकिन पार्टी ने अपनी गलती को छुपाने के लिए ये किया है। इन सब को मैं जानता हूं। मैं सिर्फ काम करना चाहता था. अगर स्कूल बन जाता तो क्या मेरे बच्चे वहां जाते। वहीं उन्होंने कहा कि वे निस्वार्थ होकर कांग्रेस को जीताने का काम करेंगे। रावत ने आगे कहा कि, “मैं किसी को झूठा आश्वासन नहीं देता हूं। अगर फोन आता भी था तो सबको बता देता था। अगर किसी का फोन आ रहा है तो क्या में उनके साथ चला गया। उनसे गलती हो गई गलत ख़बर के हिसाब से उन्होंने फैसला लिया।
खबर हैं कि हरक सिंह रावत सोमवार को दो बीजेपी विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। वैसे बता दें कि रावत पहले भी कई बार बगावती तेवर दिखा चुके हैं। साल 2016 में वे कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे।