
विकास प्राधिकरणों की कार्यप्रणाली के प्रति आम लोगों की धारणा बदलने के लिए आवास विभाग ने जिलास्तरीय विकास प्राधिकरणों की प्रमुख सेवाएं ऑनलाइन कर दी हैं। इसमें नक्शा आवेदन, अवैध निर्माण की शिकायत, फीस जमा करना जैसे प्रमुख काम शामिल हैं। विभाग सफल ट्रायल के बाद अब इन सेवाओं का विस्तार करने जा रहा है।
प्रदेश सरकार ने भले ही विकास प्राधिकरणों का दायरा सीमित कर दिया हो लेकिन ज्यादातर शहरी क्षेत्र अब भी विकास प्राधिकरण के दायरे में आ रहे हैं। इस कारण आवास विभाग लोगों को राहत देने के लिए ज्यादातर सेवाओं को ऑनलाइन करने में जुटा है। इसके लिए उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (उडा) ने इज ऑफ डूइंग बिजनेस के मंत्र पर अमल करते हुए सभी विकास प्राधिकरणों की प्रमुख सेवाओं को कॉमन प्लेटफार्म पर ऑनलाइन उपलब्ध करा दिया है।इसमें नक्शे का आवेदन, नक्शे पर आने वाले शुल्क का आकलन, अवैध निर्माण की शिकायत, प्रीएप्रुव्ड मैप के मॉड्यूल, डिजी लॉकर जैसी सेवाएं शामिल हैं। साथ ही लोगों की मदद के लिए जिला प्राधिकरण वार हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध कराए गए हैं। इस प्रक्रिया से उडा के स्तर से सभी विकास प्राधिकरणों में प्राप्त आवेदनों और उनके निस्तारण की रफ्तार पर भी नजर रखी जा रही है।सचिव आवास शैलेश बगौली के मुताबिक, विकास प्राधिकरणों का करीब नब्बे प्रतिशत काम ऑनलाइन कर दिया गया है। कोई भी व्यक्ति चाहे तो डिजिटल माध्यम से सारी सेवाएं खुद ही ले सकता है। इससे विकास प्राधिकरणों के काम में काफी सुधार होने की उम्मीद है।
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