उत्तराखंड : शिक्षक बनने की तैयारी में लगे युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। उत्तरखंड हाईकोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की भर्ती पर लगी रोक हटा ली है। हाईकोर्ट ने अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करते हुए भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए सरकार को निर्देश दिए। अदालत ने राज्य सरकार से यह भी कहा है कि इन की नियुक्ति 2012 की नियमावली और शिक्षा अधिकार अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत की जाए। उत्तराखंड हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य में 2600 बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।
उत्तराखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति अलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने यह फैसला जितेंद्र सिंह व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया. इनकी याचिका में कहा गया था कि प्रदेश सरकार ने सहायक अध्यापक के करीब 2600 पदों के लिए दिसंबर 2018 में एक विज्ञप्ति जारी किया था। जिसमें एनआईओएस से डीएलएड प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक पद के लिए योग्य नहीं माना गया था। जबकि केंद्र सरकार व राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद इसे मान्यता देते हैं। ऐसे में राज्य सरकार का यह कदम गैर कानूनी है।
कोर्ट ने लगा दी थी रोक – याचिकाकर्ताओं के तर्कों के आधार पर अदालत ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। साथ ही इन अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने को भी कहा था। अब राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि इन अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल किए जाने के निर्देश दे दिए गए हैं।